Thursday, July 7, 2011

Maut ka Bazar -Cultural Evening based on Anti Tobacco

"Maut ka Bazar"
Cultural Evening Based on Anti Tobacco at Bal Bhavan Jaipur
Date : 29th May, 2011
बाल भवन जयपुर द्वारा चलाई जा रही ध्रुम्रापन मुक्त समाज की रचना करने के उद्देश्य से गत वर्षों दे प्रयासों के तहत
तम्बाकू, गुटखे, जर्दा, खैनी, पान मसला शराब सहित अनेक प्रकार के जहरीले नशीले पदार्थों से सजा "हे ये मौत का बाज़ार, हे कोई खरीददार", के माध्यम से धुम्रपान के सेवन से होने वाले खतरों को आगाह एवं सन्देश देता सांस्क्रतिक कार्यक्रम "मौत का बाज़ार" का आयोजन बाल भवन जयपुर परिसर में 29 मई, 2011 को किया गया. जिसमे एक तरफ जहाँ नन्हें बच्चों द्वारा हास्य से भरपूर "भालू की शादी" (जिसमे भालू के सिगरेट पिने से वधु पक्ष वाले शादी करने से मना कर देते हे, बरातियों के साथ बहस के बाद दूल्हा भालू सबके सामने भविष्य में सिगरेट नही पिने की प्रतिज्ञा करता हे तब उसकी शादी हो पाती हे.) तो दूसरी और नाटक "धुंवा धुंवा जिन्दगी" जिसमे बताया गया की जिस प्रकार से नकलची बन्दर दूसरों की हरकत देखकर सिखाता हे. उसी तरह से घर में बच्चें भी बड़ों को देखकर ही धुम्रपान जैसी आदतों को अपना लेते हे. इसी के साथ समाज में घटती लड़कियों की संख्या से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को दिखलाता नाटक "चमत्कार को नमस्कार" के माध्यम से इस बात पर जोर दिया गया की कैसे पढ़ लिखकर लड़कियां अपने परिवार का नाम रोशन कर रही हे. इस व्यंग्यात्मक 'नाती सशक्तिकरण' के सन्देश ने दर्शकों का मन जीत लिया. इस कार्यक्रम के मुख्य अथिति जयपुर के सांसद श्री महेश जोशी थे.
बाल भवन जयपुर की निदेशिका श्रीमती चरणजीत ढिल्लों ने बताया की गत एक माह से "धुम्रपान निषेध" विषय पर आयोजित कार्यशालाओं के माध्यम से बच्चों ने समाज को 'धुम्रपान से मुक्त' करने के लिए नाटक, डांस, पोस्टर मेकिंग के माध्यम से कार्य किया हे. मौत का बाज़ार उसका ही मंचीय प्रयास हे, बाल भवन जयपुर एवं सम्बद्ध बाल केन्द्रों गोडावण एंड सारस. बाल भवन जयपुर अपनी स्थापना से ही धुम्रपान मुक्त समाज की संरचना करने का प्रयास कर रहा हे.

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