Wednesday, August 22, 2012

Digital Photography Workshop on World Photography Day

"विश्व फोटोग्राफी दिवस"
के अवसर पर
डिजिटल फोटोग्राफी वर्कशॉप का आयोजित हुई 
"फोटोग्राफी में संजीदा सोच और एकाग्रता का समावेश आवश्यक" - महेश स्वामी 
"श्रेष्ठ क्लिक किया गया फोटो वही हे। जिसके पीछे संजीदा सोच, कलात्मक नजरिया होने के साथ ही आपके अन्दर कैमरे से दोस्ती और फोटोग्राफी की भूख, ललक होगी तभी आप एक अच्छे फोटोग्राफर बन सकते हे। फोटो लेने से पहले हमें अपने आसपास के वातावरण में उत्साह का संचार करने के साथ सुन्दरता की खुशबु का अहसास करना होगा। हर अच्छे एवं सवेदनशील फोटोग्राफर की यह एक परिपक्व निशानी मानी जाती हे।"  प्रसिद्ध फोटोग्राफर महेश स्वामी ने विश्व फोटोग्राफी के अवसर पर  बाल भवन जयपुर में आयोजित डिजिटल फोटोग्राफी वर्कशॉप में बच्चों को फोटोग्राफी के बारे में जानकारी देते हुए बताया। 

बाल भवन जयपुर द्वारा बच्चों के लिए द्वितीय डिजिटल फोटोग्राफी वर्कशॉप का आयोजन 18 अगस्त, 2012  को किया गया जिसमे बाल भवन जयपुर सदस्य संस्थाओं के 60 से अधिक बच्चों ने भाग लिया।

66th INDEPENDENCE DAY CELEBRATION

 "66 वा स्वतंत्रता दिवस" धूमधाम से मनाया गया
बाल भवन जयपुर परिसर में राष्ट्रीय पर्व "66 वा स्वतंत्रता दिवस" धूमधाम से मनाया गया, बच्चों ने राष्ट्रीय ध्वज  तिरंगे को पहराया और देश के उन अमर शहीदों को याद किया जिनकी क़ुरबानी ने हमे स्वतंत्रता दिलवाई .
बच्चों ने इस अवसर पर विभिन्न खेलों में भाग लिया, विजेताओं को पुरष्कृत किया गया।

Krishan Janmashathmi Utsav Celebration

 कृषण जन्माष्टमी उत्सव
भगवान कृषण जन्माष्टमी उत्सव बाल भवन जयपुर परिसर में 10 अगस्त, 2012 को आयोजित किया गया जिसमे बाल भवन जयपुर के साथ सम्बद्ध सारस एवं गोडावण बाल केन्द्रों के बच्चों के बच्चों के साथ मनाया गया। बच्चों ने कृष्ण से सम्बद्ध गीतों पर डांस किया और रचनातमक खेलों में भाग लिया 

Creative Writing Workshop on Munshi Premchand Birthday

मुंशी प्रेमचंद के जयंती पर बच्चे साहित्य से रूबरू हुए


प्रख्यात कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद के जन्मोत्सव पर दो दिवसीय रचनात्मक लेखन कार्यशाला का आयोजन 29 व 30 जुलाई, 2012 को बाल भवन जयपुर परिसर में किया गया। दो दिवसीय साहित्य सर्जन लेखन कार्यशाला में बच्चों ने अपनी लेखन क्षमता को प्रदर्शित करते हुए "डाट", "परिवार" और "मेरा सपना" के माध्यम से अपनी मौलिकता को दर्शाया। 

साहित्यकार डाक्टर हेतु भारद्वाज, लेखक एवं आलोचक डॉ, दुर्गा प्रसाद अग्रवाल व कवियत्री - लेखक श्रीमती सुदेश बत्रा ने बच्चों को साहित्य लेखन में किन बातों का ध्यान रखना चाहिय और आज का बाल मन व समाज के पाठक क्या पदने की इच्छा रखता हे पर जानकारी रखने की आवश्यकता हे। 

दो दिवसीय साहित्य सर्जन लेखन कार्यशाला आयोजित करने का उद्देश बच्चे क्यों साहित्य या किताबों से दूर होते जा रहे पर चर्च करने के साथ मुंशी प्रेमचंद व अन्य साहित्यकारों की वर्तमान समय में प्रासंगिक को भी रेखांकित करता हे।. 
इस अवसर पर गत वर्षों में आयोजित लेखन कार्यशाला में बच्चों द्वारा लिखी गई उल्लेखनीय कहानियों, कविताओ को समाहित सम्पादित की गई बाल पुस्तक "छोटे हाथ बड़ी बात"का लोकार्पण विशेषज्ञों द्वारा किया गया। 
कार्यशाला में बाल भवन जयपुर की सदस्य संस्थाओं महारानी गायत्री देवी बालिका स्कूल, ब्राईटलैंड्स गर्लस स्कूल, रेयान इन्टर नेशनल स्कूल मानसरोवर, बी.वि.बी,वी. विद्याश्रम मुंशी मार्ग, विद्याश्रम प्रताप नगर, कपिल ज्ञानपीठ, आर्मी पब्लिक स्कूल, सेंट जेविअर स्कूल के साथ दिशा स्कूल के विशेष बच्चों ने भी साहित्य सर्जन शिविर में भाग लिया।

Saturday, July 21, 2012

Traditional Teej Festival Celebration - पारम्परिक तीज उत्सव

पारम्परिक तीज उत्सव  बाल भवन जयपुर परिसर में 22 जुलाई, 2012 को मनाया गया जिसमे बच्चों ने महेंदी लगाने के साथ साफा  बांधने की प्रतियोगिता एवं अन्य रचनात्मक खेलों में हिस्सा लिया. उत्सव में बाल भवन जयपुर से सम्बद्ध सारस एवं गोडावण बाल केन्द्रों के बच्चों ने भी भाग लिया।

Mobile Library Visit - Govt. School Amar Nagar, Jaipur

   

Tuesday, July 17, 2012

Plants Care Programme- प्लांट्स केयर प्रोग्राम

प्लांट्स केयर प्रोग्राम का आयोजन बाल भवन जयपुर परिसर में 15 जुलाई 2012 रविवार को किया गया. जिसमे बाल भवन की बाउंड्री के बाहर गत वर्ष लगाये गये 108 पौधों के विकास सम्बन्धी जानकारी बच्चों को दी गयी। ये पौधे गत वर्ष जी बच्चों ने लगाये थे, उन्होंने वर्षभर किस तरह से इनकी देखभाल की कि जानकारी नये बच्चों को दी गयी और उनको पेड़ों से पर्यावरण संरक्षण करने की जानकारी दी।

Friday, July 6, 2012

Ambassador of Earth & Water Ambassadors meeting - धरादूत एवं वरुण दूतों के साथ मीटिंग

धरादूत एवं वरुण दूतों के साथ मीटिंग 1 जुलाई को हुई जिसमे बाल भवन जयपुर द्वारा प्लास्टिक के खिलाफ चलाई जा रही मुहीम के बारे में राजस्थान के मुख्यमंत्री एवं जयपुर महापौर को अवगत करवाने हेतु पत्र भेजने के साथ वर्तमान में पुन: बाज़ार के माध्यम से घर घर में पहुच रही प्लास्टिक की थेलियों पर रोक लगना का आह्वाहन करने व लोगो को जागरूक करने की योजना पर विचार किया गया।

Creative Writing Workshop


बच्चों को साहित्य लेखन से अवगत करवाने के लिए सारस बाल केंद्र के बच्चों के लिए रचनात्मक लेखन कार्यशाला का आयोजन 24 जून को किया गया। जिसमे बच्चों ने विभिन्न लेखकों द्वारा रचित साहित्यिक पुस्तकों को पदा और उन पर अपने विचारों को प्रकट किया, तत्पश्चात बच्चों ने कहानियों का लेखन किया।.

Summer Camp (समर कैम्प का समापन - तितली क्लब )

बाल भवन जयपुर में 3 से 6 साल तक के बच्चों (तितली क्लब) के लिया आयोजित विशेष समर कैम्प  का समापन 23 जून, 2012 को बाल भवन परिसर में रचनात्मक खेलों, डांस पार्टी के साथ हुआ। इस अवसर पर बच्चों को पौधे देकर सम्मानित किया .गया.

Thursday, July 5, 2012

AMBASSADOR OF EARTH & WATER AMBASSADOR MEETING


  
AMBASSADORS OF EARTH & WATER AMBASSADORS MEETING:-

We all are aware of the environmental problems that we are facing due to ecological disbalance. But what we are doing for the conservation of our nature and environment..?? Our nature has given us evrything for our survival, but for our need and greed we started exploiting our nature and now nature is trying to exploit us. As a result of which we are facing global warming and many other problems.

In this view BAL BHAVAN JAIPUR took an initiative to do something for the conservation of our environment through appointing the conservers of our nature amongst the children. they are divided into 2 categories:
1) WATER AMBASSADORS- 
We work for the conservation of water.We focus upon the problems related to water like scarcity of water, wastage of water, unhygenic water supply.
2) AMBASSADORS OF EARTH- 
We work on the problems related to trees and plants and the environment. We focus on conserving trees and planting more and more trees.

Jointly, we begins our work at the individual level and then we move on to other people. We have our meetings on sundays in which we discuss upon the problem by planning under the guidance of our mentors and CHARAN MAM and then we execute our plans.We maintain our diaries to have the record of our meetings and day to day news related to environment. We have done surveys in our localities to know the actual usage and wastage of water. We also do different campaigns in a year to aware people like JAL MAHOTSAV, MAITRI MELA, MAATI UTSAV and many more along with street plays. We also tries to aware students at our school level.

We had our meeting on 23rd June in the view of upcoming monsoon. We discussed that what we can do on our level to conserve rain water. As we know, the rain water goes into the sewage and get polluted due to plastics and simply becomes a waste. So we planned out a visit to JAIGARH FORT, where the rain water is being harvested and the polluted water is treated properly which makes that water pure and fit to drink. In Rajasthan, our government banned the usage of plastic bags but we can still see the usage of plastic bags. In this respect, we decided to request our Hon'bl Chief Minister and Mayor by writing a letter to take strict measures against the usage of plastic and to ask the Nagar Nigam to check the working of Plastic Recycling Units which have been seen empty when Bal Bhavan went their. We also decided to go in the nearby localities to aware the village people about our environmental problems through plays and interactions.
We also decided to have the help of Media to aware other people and to make them realize that what is their duty towards our environment and our Earth.
With this we ended our meeting.
                                                                                                                                                    
Reported by:
WATER AMBASSADOR
MAULSHREE
25- 06- 2012

Anti Tabacco Day Celebration - धुम्रपान निषेध दिवस की पूर्व संध्या पर सजा मौत का बाज़ार

धुम्रपान निषेध दिवस की पूर्व संध्या पर सजा मौत का बाज़ार..........
आदमी अपने थोड़े से सकून के लिए तम्बाकू, गुटखे, जर्दा, खैनी, पान मसाला सहित अनेक प्रकार के जहरीले पदार्थों को खाकर अपनी जिन्दगी को धुवाँ-धुवाँ कर रहा हे। इसी को रेखांकित करता तम्बाकू निषेध दिवस की पूर्व संध्या 30 मई को तम्बाकू से होने वाले खतरों से आगाह करता "मौत का बाज़ार" बाल भवन जयपुर परिसर में सजाया गया। 
सजाये गए बाज़ार में वरिष्ट रंगकर्मी श्री अशोक राही द्वारा लिखित एवं तमाशा शैली के प्रसिद्ध रंगकर्मी श्री दिलीप भट्ट द्वारा निर्देशित नाटक "धुवाँ-धुवाँ जिंदगी" का मंचन किया गया, जिसमे बाल भवन जयपुर के नन्हें कलाकारों ने अपनी अभिनय क्षमता का परिचय दिया. 

World Environment Day Celebration

5 जून, 2012 को विश्व पर्यावरण दिवस बाल भवन जयपुर एवं संबद्ध सारस बाल केंद्र और गोडावण बाल केंद्र के बच्चों ने अपने परिसर में श्रमदान कर कचरा एकत्रित किया और कचरे को उसकी प्रकृति के अनुसार अलग कर पर्यावरण में इनसे होने वाले खतरों की जानकारी प्राप्त की।  

Anti Tobacco Workshop at Godavan Bal Kendra

लघु फ़िल्म के माध्यम से जाना तम्बाकू सेवन के खतरों को...........
गोडावण बाल केंद्र में 29 मई, 2012 को धुम्रपान सेवन से होने वाली पीड़ा को लघु फ़िल्म के माध्यम बताया गया. फ़िल्म के द्वारा बच्चों ने जाना की धुम्रपान व तम्बाकू की लत कैसे लगती हे और फिर किस तरह से ये पदार्थ हमारे शरीर में कैंसर, लकवा, ब्लड प्रेसर, टीबी, अस्थमा जैसी दर्दनाक एवं पीड़ादायक बिमारियों को जनम देते हें. 

Anti Tobacco- Poster Making & Kavita Path

तम्बाकू निषेध पर पोस्टर मेकिंग एवं कविता पाठ कार्यशाला में 

"चार दिन की जिन्दगी, धुवाँ - धुवाँ सी क्यों हो रही हें" को दर्शाया बच्चों ने 
"बीड़ी सिगरेट, हुक्का, गुटखा तम्बाकू नसवार कई हें - इस नरक के द्वार कई हे, मृत्यु  के आहार कई हे।."
धुम्रपान - तम्बाकूयुक्त जर्दा, गुटखा, खैनी, सुपारी, बीड़ी, सिगरेट आदि पदार्थों के सेवन से होने वाले खतरों की जानकारी देते हुए अस्थमा केयर सेंटर के सचिव एवं समाज सेवक श्री धर्मवीर कटेवा जी ने बच्चों को जानकारी देते हुए बताया की बाजार में बिकने वाले इन पदार्थों में 5000 से अधिक प्रकार के विषैले पदार्थ होने से प्रति 7 मिनट में एक व्यक्ति मौत की नीद सो जाता हे। 
क्षणिक आनंद और दर्दनाक पीड़ा को रेखंकित करती इस कार्यशाला में बच्चों ने पोस्टर मेकिंग एवं कविता पाठ के माध्यम से समाज को धुम्रपान मुक्त करने का संकल्प लिया. 
कार्यशाला में संस्कार स्कूल, विद्याश्रम प्रताप नगर, कपिल ज्ञानपीठ, विद्याश्रम मुंशी मार्ग, एक्सीलेंसी गर्ल स्कूल ,सीकर दिशा स्कूल, आधार स्कूल, के बच्चों ने भाग लिया।.

Tagore Utsav- टेगौर जयंती पर टेगौर लिखित नाटक "छुट्टी" का मंचन

टेगौर जयंती पर टेगौर लिखित नाटक "छुट्टी" का मंचन 

गुरुदेव रबिन्द्र नाथ टेगौर की 150व़ी जयंती पर 7 मई, 2012 को बाल भवन जयपुर  व परम्परा नाट्य समिति के सयुक्त तत्वाधान में टेगोर लिखित बाल नाटक "छुट्टी" का मंचन किया गया। नाटक में बाल भवन जयपुर के बच्चों ने तमाशा शैली के प्रसिद्ध रंगकर्मी श्री दिलीप भट्ट के निर्देशन में अपनी अभिनय क्षमता का प्रदर्शन किया। 

सारस बाल केंद्र में लोकार्पण समारोह

सारस बाल केंद्र में लोकार्पण समारोह 

 समाज के उपेक्षित बच्चों के लिए "सारस बाल केंद्र" की शुरुआत, राजकीय प्राथमिक विद्यालय, अमर नगर खिरनी  में की गयी थी। इस केंद्र में जयपुर के सांसद श्री महेश जोशी ने सांसद कोष से एक हॉल  का निर्माण केंद्र की गतिविधियों के सञ्चालन हेतु करवाया .गया, जिसका लोकापर्ण 29 ,अप्रैल 2012 को बाल भवन जयपुर के स्थापना दिवस पर किया गया। समारोह में सारस बाल केंद्र के बच्चों ने संस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत .किये 

EARTH DAY Celebration - "Maati Utsav"

प्रथ्वी दिवस पर बाल भवन जयपुर द्वारा तीन दिवसीय माटी उत्सव का आयोजन 20 से 22 अप्रैल, 2012 को .  गया।
तीन दिवसीय माटी उत्सव की अनौपचारिक शुरुआत करते हुए बाल भवन जयपुर की निदेशक श्रीमती चरण जीत ढिल्लों ने बच्चों को धरती माँ के माटी रूप के बारे में जानकारी देते हुए विभिन्न प्रकार की मिट्टियों से परिचित करवाया गया।. उत्सव में गंगा तट की मिट्टी, रेगिस्तान की मिटटी, काली मिटटी, लाल मिटटी, के साथ स्थानीय मिटटी की प्रदर्शनी द्वारा मिटटी के महत्व को समझाया गया। 

उत्सव के प्रथम दिन बच्चों ने मिटटी से विभिन्न रूपों को उकेर कर धरती को संरक्षित करने की अपील की। बच्चों ने माटी के प्रति अपनी कोमल भावनाओं को ,शेषनाग पर प्रथ्वी को उठाये, चिड़िया, कछुआ, मगरमच्छ, गावं का दरश्य व पेड़ों को उकेर कर अभिव्यक्त किया।

उत्सव के दुसरे दिन पोस्टर मेंकिंग कार्यशाला की शुरुआत करते हुए रिटायर प्रोफेसर डॉक्टर हरिश्चंद्र भारतीय ने बच्चों को पेड़ों को संरक्षित करने की अपील करते हुए "पेड़ का विकास मानव के बिना संभव हे लेकिन मानव का विकास पेड़ों के बिना संभव नही हो सकता हें।"

Wednesday, July 4, 2012

Holi Fesitval - पारम्परिक रंगों का त्यौहार होली

पारम्परिक रंगों का त्यौहार होली सारस बाल केंद्र के बच्चों के साथ 6 मार्च को सादगी से मनाई गयी।. बच्चों को होली से जुडी पौराणिक कहानिया बताई गयी और पानी को बचने की पहल करते हुए तिलक होली खेलने का संकल्प बच्चों को दिलाई गयी।. 

BOOKS READING SESSION - "बोलती किताबे बुलाती किताबें"

सारस बाल केंद्र में पुस्तकालय सत्र में "बोलती किताबे बुलाती किताबें" कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमे केंद्र के बच्चों ने बाल भवन जयपुर द्वारा संचालित मोबाईल लायब्ररी की पुस्तकों से रूबरू हुए।. 


इस दौरान बच्चों से कहानियों पर आधारित प्रश्नोतरी एवं चित्रांकन प्रतियोगिता हुई जिसमे उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले बच्चों को उपहार देकर उत्साह्वेर्धन किया गया।.

SCIENCE PARK VISIT


बाल भवन जयपुर एवं सम्बद्ध गोडावण  एवं सारसा बाल केन्द्रों के बच्चों को 26 फरवरी, 2012 को विज्ञानं एवं प्रौद्यगिकी विभाग द्वारा संचालित SCIENCE PARK की गतिविधियों से अवगत करवाया गया. यहाँ बच्चों ने विज्ञानं के विभिन्न मोडल्स के माध्यम से विज्ञानं को समझा।. यहाँ बच्चों को डायनासोर ने सबसे ज्यादा आकर्षित किया।.

Ravindra Rachana Utsav - Jawahar Kala Kendra

भारतीय मनीषा के सच्चे उदघोषक, महान कवि कथाकार, उपन्यासकार, संगीतकार, चित्रकार, गुरुदेव रविंद्रनाथ टेगोर की स्मृति में जवाहर कला केंद्र में 6 फरवरी को आयोजित "चारुलता की नृत्य नाटिका" का बाल भवन जयपुर के बच्चों ने देखा.

Jawahar Kala Kendra Visit

बाल भवन जयपुर के बच्चों को चित्रों की दुनिया से रूबरू करवाने के लिए 6 फ़रवरी , 2012 को जयपुर के प्रसिद कला स्थल जवाहर कला केंद्र का भ्रमण करवाया गया. बच्चों ने यहाँ युवा कलाकारों द्वारा लगाई गई चित्रों की प्रदर्शनी का अवलोकन कर कलाकाओं से चित्रों में छिपी मूल भावना को समझा।.

Republic Day Celebration - गणतंत्र दिवस

65वा गणतंत्र दिवस बाल भवन जयपुर परिसर में धूमधाम से मनाया गया। बच्चों ने राष्ट्रीय धवज तिरंगे का धव्जरोहन कर गणतंत्र के मूल उद्धेश्यों को जाना।. इस अवसर पर बाल भवन जयपुर के  volunteer श्री आबिद ने बच्चों को बाल अधिकारों की  दी. उत्सव में सारस बाल केंद्र व गोडावण  बाल केंद्र के बच्चों ने रचनात्मक खेलों में भाग लिया।.

Wednesday, January 25, 2012

Creative Sports Day - क्रियेटिव स्पोर्ट्स डे


क्रिएटिव स्पोर्ट्स डे
बाल भवन जयपुर द्वारा संचालित नेहरु नगर स्थित गोडावन बाल केंद्र में 22 जनवरी, 2012 को क्रियेटिव स्पोर्ट्स डे का आयोजन किया गया जिसमे हास्य व्यंग्य से भरपूर क्रियेटिव स्पोर्ट्स में बच्चों ने जोश और उल्लास के साथ भाग लिया
रविवारिये विशेष प्रोग्राम के तहत आयोजित स्पोर्ट्स में जल संरक्षण के महत्व को समझाते वॉटर रेस, माइंड गेम "पंजल", शैक रेस, संघठन में शक्ति को रेखांकित करते "स्टेप बाई स्टेप", डोज बाल के साथ म्यूजिकल चेयर में बच्चों ने अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया विजेता बच्चों को उपहार देकर सम्मानित किया

Kite Festival - पंतग उत्सव


पंतग उत्सव (Kite Festival) के माध्यम से दिया पर्यावरण का सन्देश
बाल भवन जयपुर परिसर में पंतग उत्सव 15 जनवरी, 2012 रविवार को मनाया गया, जिसमे बच्चों ने पंतग बाजी का लुफ्त उठाते हुए, "मंजे से पंतग बाजी करना पशु पक्षियों के जीवन के लिए कैसे खतरा बनता जा रहा हे," को रेखांकित करते हुए सददा से पंतग उड़ाने के लिए प्रेरित किया।
उत्सव में बाल भवन जयपुर से सम्बद्ध गोडावण एवं सारस बाल केंद्र के साथ कच्ची बस्तियों में रहने वाले बच्चों ने पंतग बाजी के महत्व को समझते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहे बाल भवन जयपुर द्वारा नियुक्त "Ambassador or Earth & Water Ambassador" ने पंतगों पर "जय हरियाली जय खुशियाली" संलोगन लिख कर पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दिया।

Thursday, January 5, 2012

New Year - 2012 Celebration


नववर्ष उत्सव-2012
बाल भवन जयपुर परिसर में नववर्ष उत्सव 1 जनवरी धूमधाम से मनाया गया। उत्सव में बाल भवन जयपुर के वौलूंटर एवं यंग टीम लीडर के साथ बाल भवन व सारस बाल केंद्र के बच्चों के साथ मनाया। इस अवसर पर हास्य एवं रोमांचित कर देने वाले रचनात्मक खेल खेले गये। गर्मागर्म पकोड़े बनाये और तिल के लड्डुओं के स्वाद का आनंद लिया।

Young Environmentlist Confrece (पर्यावरण मैत्री मेला)




पर्यावरण मैत्री मेला - 2011
(Three Days Residential Environment Camp-2011)
(26 to 28 December, 2011)
विषय - "हमारी नदियाँ"
"पर्यावरण संरक्षण करने के संकल्प के साथ मैत्री मेला आयोजित हुआ"
"हमारी नदियाँ और पर्यावरण पर प्रभाव" विषय पर आधारित रचनात्मक खेलों, प्रक्रति भ्रमण से बच्चों ने नदियों के सवरूप, वर्तमान में उनकी दशा और दिशा, पर्यावरण पर इनका प्रभाव के साथ इनकों कैसे संरक्षित किया जाए? हम बच्चें अपने स्तर पर इसको रोकने के लिए क्या कर सकते हे। तीन दिवसीय पर्यावरण मैत्री मेला में इनके संरक्षण के साथ संपन्न हुआ।
प्रथम दिन प्रथम सत्र में पर्यावरण मैत्री मेला का अनोपचारिक शुभारम्भ बाल भवन जयपुर के वरिष्ट सदस्यों ने किया। इस अवसर पर निदेशक श्रीमती चरण जीत ढिल्लों ने बच्चों को नदियों के होने और न होने से पर्यावरण पर होने वाले नुकसानों की जानकारी दी। उन्होंने बच्चों से अपील कि की वे धरादुत बनकर सरकार का इस और विशेस ध्यान दिलाने कि आवश्यकता बताई और इसमें मिडिया को भी महत्वपूर्ण घटक बताया।
द्वितीय सत्र में बच्चों ने "खजाने कि खोज", पर्यावरण कि विस्तृत जानकारी देते रचनात्मक खेलों को खेलते हुए करनी थी। जिसमे बच्चों को छ: खेलों को खेलते हुए, जिताटने पर मिली पहली से अपने खजाने तक पहुचना था।
सायकालीन सत्र में खगोलविद और बी एम् तारामंडल के उप निदेशक श्री संदीप भट्टाचार्य ने बच्चों को फिल्म के माध्यम से और फिर खुले आकाश में टेलिस्कोप कि सहायता से आकाशिए ग्रहों तथा तारों के बारे में जाकारी दी।
दुसरे दिन बच्चों को झालाना पार्क ले जाया गया जहा बच्चों ने प्राकृतिक वातावरण में सवछंद विचरण करते पशु पक्षियों के कलरव संसार को देखा। वन विभाग के एसीएफ श्री देवेन्द्र भारद्वाज ने यहाँ विचरण करते जंगली जीवों, पेड़ पौधों और विलुप्त होने के कारणों में उनकी प्रक्रति और ये पर्यावरण को संतुलित कैसे रखते हे, कि जानकारी दी। प्रक्रति भ्रमण पर आधारित प्रश्नोतरी प्रतियोगिता में बच्चों ने सही जवाब देकर इनाम प्राप्त किये।
रात को कैम्प फायर में बच्चों ने जमकर अपने नए मित्रों के साथ डांस किया।
तीसरे एवं अंतिम दिन मैत्री मेले में बच्चों ने अपनी टीम के साथ मिलकर अपने छुपे खजाने में मिले विषय पर कागज के छोटे टुकड़ों के माध्यम से सन्देश देते कोलाज बनाये और फिर स्टेज पर इन संदेशों को नाटकीय रूपों में मानचित किया।
समापन अवसर पर बाल भवन जयपुर के अध्यक्ष पूर्व आई ए एस श्री रणवीर सिंह कुमत ने उल्लेखनीय प्रधार्शन करने वाले बाल वैज्ञानिकों और प्रतिभागी बच्चों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
  • प्रतिभागी बच्चों में से 10 बच्चों को धरादुत नियुक्त क्या गया।
  • पूर्व के धरादुतों में, उन धारादुतों को सम्मानित किया गया जिन्होंने उल्लेखानिये कार्य किये।

6th Bal Sena Trophy-2011 (2nd Round) - Basket Ball & Kho-Kho Tournaments




6 ठी बाल सेना ट्राफी-2011 (द्वितीय चरण)
खो-खो एवं बास्केट बाल टूर्नामेंट्स का आयोजन
बाल भवन जयपुर द्वारा आयोजित 6 ठी बाल सेना ट्राफी के दूसरा चरण में सब जूनियर एवं जूनियर (अंडर-13 & 16 आयुवर्ग) बास्केट बाल व खो-खो टूर्नामेंट्स 22 से 24 नवम्बर तक बालभवन परिसर में संपन्न हुए जिसमे बालक एवं बालिका वर्ग के उभरते हुए खिलाडियों ने अपनी खेल क्षमता का परिचय दिया।
बाल भवन जयपुर की निदेशक श्रीमती चरण जीत ढिल्लों ने बाल सेना ट्राफी के बारे में जानकारी देते हुए बताया की भारतीय सेना, राजस्थान पुलिस अकादमी एवं संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल हॉस्पिटल के सहयोग से पिछले ६ सालों से आयोजित की जाती रही हे...
खो-खो की टूर्नामेंट में 18 एवं बास्केट बाल की 30 टीमों के 460 से अधिक खिलाडियों ने भाग लिया। सभी विजेता उप विजेता टीमों को राजस्थान के पूर्व मुख्य सचिव श्री अनिल वैश्य, प्रसिद बास्केट बाल के ओलम्पिक खिलाडी श्री बलदेव सिंह जी मेडल एवं ट्राफी देकर उभरते खिलाडियों का उत्साहवर्धन कर खेलों में आगे बदने के लिए प्रेरित किया।

Children Theatre Festival "ULLAAS-2011"



बाल नाट्य उत्सव "उल्लास" आयोजित
बाल भवन जयपुर में बाल दिवस के अवसर पर 14 नवम्बर, 2011 को बाल नाट्य उत्सव "उल्लास" में बच्चों ने शांति एवं अमन का सन्देश देते नाटकों का मंचन किया। उल्लास उत्सव में बाल भवन जयपुर की सदस्य संस्थाओं के बच्चों ने गुरुदेव रबिन्द्र नाथ टेगोर की 150 वे जयंती वर्ष में गुरुदेव के लिखे नाटक और कहानियों पर आधारित लघु नाटकों जिनमे काबुलीवाला, डाकघर, दानवीर दो कोडी, भिखारिन, होली सहित छुट्टी का मंचन कर अपनी अभिनय कला का प्रदर्शन किया। रंगमंच से जुड़े वरिष्ठ रंगकर्मी श्री रणबीर सिंह, श्री बेनी प्रसाद जी शर्मा, तमाशा शैली के कलाकार श्री दिलीप भट्ट के साथ बाल भवन जयपुर के बोर्ड मेम्बेर्स ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया।

National Children Assambly - 2011


चाचा नेहरु के जन्मोत्सव पर "चाचा नेहरु और बड़ा मजा" कार्यक्रम ............
बच्चों के प्यारे चाचा नेहरु के जन्मदिवस पर रास्ट्रीय बाल भवन नई दिल्ली में 14 से 20 नवम्बर तक राष्ट्रीय बाल सभा एवं एकीकरन शिविर आयोजित किया गया। शिविर का विषय रखा गया "चाचा नेहरु और बड़ा मजा"। इस बाल संसद में बाल भवन जयपुर के 4 बच्चों ने भाग लिया। जहा विभिन्न कार्यशालाओं में बच्चों ने भाग लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस बड़ा मजा संसद में बाल भवन जयपुर द्वारा संचालित सारस बाल केंद्र के नितिन सिंह शेखावत, अभिषेक सिंह तोम्बर, सुश्री ज्योति जांगिड व सुरुचि जांगिड के साथ बाल भवन जयपुर के कार्यक्रम अधिकारी श्री राकेश व्यास ने भाग लिया।

Wednesday, January 4, 2012

Poster Making Workshop on Road Safety



सड़क सुरक्षा पर पोस्टर मेकिंग कार्यशाला ......
बच्चों को सड़क पर चलने के नियमों से अवगत करवाने के लिए बाल भवन जयपुर द्वारा सदस्य संस्थाओं के बच्चों के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 9 नवम्बर, 2011 को किया गया। जिसमे रचनात्मक खेलों, चित्र एवं पोस्टर बनाकर सड़क पर चलने का सन्देश बच्चों द्वारा दिया गया। कार्यशाला में 18 स्कूलों के 200 से अधिक बच्चों ने भाग लिया।

6th Balsena Trophy-2011 (Athletics Tournament)



एथलेटिक्स में उभरती प्रतिभाओं ने ट्रेक पर दिखाया अपना दमखम....
बाल भवन जयपुर द्वारा छठी बाल सेना ट्राफी सब जूनियर एवं जूनियर समूह के एथलेटिक्स टूर्नामेंट में बच्चों ने अपनी रफ़्तार का दमखम दिखाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। 2 व 3 नवम्बर, 2011 भारतीय सेना, राजस्थान पुलिस अकादमी एवं संतोकबा दुर्लभ जी मेमोरिअल होस्पिटल के सहयोग से आयोजित 100 मीटर, 200 मीटर, 100x4 मीटर रिले दौड़ एवं लॉन्ग जम्प में खेल प्रतियोगिताए संपन्न।
दो चरणों में आयोजित होने वाले बाल सेना ट्राफी का शुभारम्भ पूर्व बास्केट बाल ओल्म्पियन खिलाडी सरदार बलदेव सिंह जी किया।
राजस्थान पुलिस अकादमी परिसर स्थित सपोर्ट ग्राउन्ड में आयोजित एथलेटिक्स खेल प्रतियोगिता में बाल भवन जयपुर की सदस्य संस्थाओं के ३०० से अधिक छात्र - छात्रों ने भाग लिया।

जेल में जले दिवाली के दीपक


जेल में झलकी दिवाली की खुशियाँ.........
"हम भी किसी की ख़ुशी में दीपक की तरह प्रकाश देकर उनकी खुशियों में शामिल हो यही हमारी सच्ची अरदास इन महान पर्वों की मूल भावना होंगी।" को रेखांकित करते बाल भवन जयपुर के बच्चों ने धनतेरस की शाम 24 अक्टुम्बर, 2011 सेंट्रल जेल की महिला शाखा में उन बच्चों के साथ दिवाली की खुशियाँ बांटी जो बिना किसी कसूर के अपना बचपन चार दिवारी के भीतर बिता रहे हे।
बाल भवन जयपुर द्वारा गत दस वर्षों से जेल परिसर में दीपकोत्सव मनाते हे। बच्चों ने जेल परिसर में रह रहे बच्चों से साथ हास्य से भरपूर रचनात्मक खेल खेले, नाटक छुट्टी का मंचन किया, रंग-बिरंगे रंगों से मांडने बनाकर दिवाली पर्व की महत्वता को जानने का प्रयास किया। बच्चों ने दिए जलाए फुलझड़िया एवं अनारों की आतिशबाजी ने वातावरण को रोशन कर दिया साथ ही यहाँ रहने वाले बच्चों के चेहरों को खिलखिलाहट से भर दिया, जो बाहर खुल आसमान में उड़ना चाहते हे....