Wednesday, January 4, 2012

जेल में जले दिवाली के दीपक


जेल में झलकी दिवाली की खुशियाँ.........
"हम भी किसी की ख़ुशी में दीपक की तरह प्रकाश देकर उनकी खुशियों में शामिल हो यही हमारी सच्ची अरदास इन महान पर्वों की मूल भावना होंगी।" को रेखांकित करते बाल भवन जयपुर के बच्चों ने धनतेरस की शाम 24 अक्टुम्बर, 2011 सेंट्रल जेल की महिला शाखा में उन बच्चों के साथ दिवाली की खुशियाँ बांटी जो बिना किसी कसूर के अपना बचपन चार दिवारी के भीतर बिता रहे हे।
बाल भवन जयपुर द्वारा गत दस वर्षों से जेल परिसर में दीपकोत्सव मनाते हे। बच्चों ने जेल परिसर में रह रहे बच्चों से साथ हास्य से भरपूर रचनात्मक खेल खेले, नाटक छुट्टी का मंचन किया, रंग-बिरंगे रंगों से मांडने बनाकर दिवाली पर्व की महत्वता को जानने का प्रयास किया। बच्चों ने दिए जलाए फुलझड़िया एवं अनारों की आतिशबाजी ने वातावरण को रोशन कर दिया साथ ही यहाँ रहने वाले बच्चों के चेहरों को खिलखिलाहट से भर दिया, जो बाहर खुल आसमान में उड़ना चाहते हे....

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