Thursday, January 5, 2012

Young Environmentlist Confrece (पर्यावरण मैत्री मेला)




पर्यावरण मैत्री मेला - 2011
(Three Days Residential Environment Camp-2011)
(26 to 28 December, 2011)
विषय - "हमारी नदियाँ"
"पर्यावरण संरक्षण करने के संकल्प के साथ मैत्री मेला आयोजित हुआ"
"हमारी नदियाँ और पर्यावरण पर प्रभाव" विषय पर आधारित रचनात्मक खेलों, प्रक्रति भ्रमण से बच्चों ने नदियों के सवरूप, वर्तमान में उनकी दशा और दिशा, पर्यावरण पर इनका प्रभाव के साथ इनकों कैसे संरक्षित किया जाए? हम बच्चें अपने स्तर पर इसको रोकने के लिए क्या कर सकते हे। तीन दिवसीय पर्यावरण मैत्री मेला में इनके संरक्षण के साथ संपन्न हुआ।
प्रथम दिन प्रथम सत्र में पर्यावरण मैत्री मेला का अनोपचारिक शुभारम्भ बाल भवन जयपुर के वरिष्ट सदस्यों ने किया। इस अवसर पर निदेशक श्रीमती चरण जीत ढिल्लों ने बच्चों को नदियों के होने और न होने से पर्यावरण पर होने वाले नुकसानों की जानकारी दी। उन्होंने बच्चों से अपील कि की वे धरादुत बनकर सरकार का इस और विशेस ध्यान दिलाने कि आवश्यकता बताई और इसमें मिडिया को भी महत्वपूर्ण घटक बताया।
द्वितीय सत्र में बच्चों ने "खजाने कि खोज", पर्यावरण कि विस्तृत जानकारी देते रचनात्मक खेलों को खेलते हुए करनी थी। जिसमे बच्चों को छ: खेलों को खेलते हुए, जिताटने पर मिली पहली से अपने खजाने तक पहुचना था।
सायकालीन सत्र में खगोलविद और बी एम् तारामंडल के उप निदेशक श्री संदीप भट्टाचार्य ने बच्चों को फिल्म के माध्यम से और फिर खुले आकाश में टेलिस्कोप कि सहायता से आकाशिए ग्रहों तथा तारों के बारे में जाकारी दी।
दुसरे दिन बच्चों को झालाना पार्क ले जाया गया जहा बच्चों ने प्राकृतिक वातावरण में सवछंद विचरण करते पशु पक्षियों के कलरव संसार को देखा। वन विभाग के एसीएफ श्री देवेन्द्र भारद्वाज ने यहाँ विचरण करते जंगली जीवों, पेड़ पौधों और विलुप्त होने के कारणों में उनकी प्रक्रति और ये पर्यावरण को संतुलित कैसे रखते हे, कि जानकारी दी। प्रक्रति भ्रमण पर आधारित प्रश्नोतरी प्रतियोगिता में बच्चों ने सही जवाब देकर इनाम प्राप्त किये।
रात को कैम्प फायर में बच्चों ने जमकर अपने नए मित्रों के साथ डांस किया।
तीसरे एवं अंतिम दिन मैत्री मेले में बच्चों ने अपनी टीम के साथ मिलकर अपने छुपे खजाने में मिले विषय पर कागज के छोटे टुकड़ों के माध्यम से सन्देश देते कोलाज बनाये और फिर स्टेज पर इन संदेशों को नाटकीय रूपों में मानचित किया।
समापन अवसर पर बाल भवन जयपुर के अध्यक्ष पूर्व आई ए एस श्री रणवीर सिंह कुमत ने उल्लेखनीय प्रधार्शन करने वाले बाल वैज्ञानिकों और प्रतिभागी बच्चों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
  • प्रतिभागी बच्चों में से 10 बच्चों को धरादुत नियुक्त क्या गया।
  • पूर्व के धरादुतों में, उन धारादुतों को सम्मानित किया गया जिन्होंने उल्लेखानिये कार्य किये।

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