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प्रथम दिन प्रथम सत्र में प्रयावरण मैत्री मेले का शुभारम्भ वन विभाग राजस्थान के पूर्व चीफ कन्जर्वटर श्री अभिजित घोष ने किया। टूरिजम एव वाइल्ड लाइफ सोसायटी ऑफ़ इंडिया के सचिव श्री हर्षवर्धन ने बच्चों को विलुप्त होने की कंगार पर पहुच गये टायगर के विलुप्ति के कारणों की जानकारी देते हुए बताया की अभारंयों के आस-पास रहने वाले ग्रामीण और आदिवासी लोगों को जागरूक करने जरूरत हे, इन लोगों के लिए समुचित रोजगार होगा तो ये इन के संरक्षण में योगदान दे सके।
प्रथम दिन के दुसरे सत्र में पर्यावरण पर आधारित रचनातमक खेलों में बच्चों ने अपनी रचनाशीलता, चपलता का परिचय दिया। रात्री सत्र में आकाशिए खगोलीय घटनाओं, तारों की जानकारी देने के लिए विज्ञान एव प्रोधोगिकी विभाग राजस्थान द्वारा पोर्ताब्ले तारामंडल की व्यवस्था की गयी।
दुसरे दिन बच्चों ने नाहरगढ़ रेस्क्कु सेण्टर का भ्रमण कर बच्चों को प्राकृतिक वातावरण में सव्छंद विचरण करते पशु-पक्षियों के कलरव करते संसार को देखा। वन विभाग के A.C.F. श्री देवेन्द्र भरद्वाज ने नाहरगढ़ रेसक्कु सेंटर में विचरण करते जंगली जीवों, पक्षियों, पेड़-पौधों और विलुप्त होने के कारणों में उनकी प्रकृति और ये प्रयावरण को संतुलित कैसे रखते हे की जानकारी दी। श्री भरद्वाज ने बच्चों को रेस्कु पार्क भ्रमण पर आधारित प्रश्नोत्तरी के माध्यम से बच्चों के पर्यावरण ज्ञान को परखा। सायं कालीन सत्र में केम्प फायर हुआ।
तीसरे दिन मैत्री मेला में कोलाज मकिंग में बच्चों ने विलुप्त हो रहे जानवरों जिनके नाम पर मेले में आये बच्चों के समूहों के नाम गोडावण, गीध, बाज, गैंडा, मोर, सारस, हाथी, चिल, तितली और टायगर रखे गये। बच्चों ने इन जानवरों का प्रकृति से साथ कैसा रिश्ता हे और यदि ये प्रजातियाँ ख़त्म हो गयी तो प्रर्यावरण में क्या परिवर्तन आयेंगे को रंग-बिरंगे कागजों को चिपकाकर प्रदर्शित किया। विभिन्न स्कूलों से आये १४० प्रतिभागियों को दस समूहों में बांटा गया। जिस पर बच्चों ने मैत्री मेले में प्रक्रति के प्रति अपनी सवेदंशीलाता का परिचय लघु नाटकों, लेखन के मध्यम से दिया।
समापन अवसर पर वन विभाग के चीफ कन्जर्वटर श्री सोम शेखर जिनके प्रयासों से दुनिया में पहली बार रणथम्भोर से सरिस्का में टायगर को पुर्न्वासित किया गया ने १५ मिनट की उक्त फिलिम प्रदर्शित की जिसे बच्चों ने पसंद किया और इससे सम्बंधित प्रश्न पूछे। बच्चों को पुरस्कार और सहभागिता प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया।
मैत्री मेला भारतीय सेना, वन विभाग राजस्थान, नगर निगम जयपुर, विज्ञानं एव प्रोधोगिकी विभाग राजस्थान एव दुर्लभजी मेमोरियल हॉस्पिटल जयपुर के सहयोग से सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
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