धुम्रपान निषेध दिवस की पूर्व संध्या पर सजा मौत का बाज़ार..........
आदमी अपने थोड़े से सकून के लिए तम्बाकू, गुटखे, जर्दा, खैनी, पान मसाला सहित अनेक प्रकार के जहरीले पदार्थों को खाकर अपनी जिन्दगी को धुवाँ-धुवाँ कर रहा हे। इसी को रेखांकित करता तम्बाकू निषेध दिवस की पूर्व संध्या 30 मई को तम्बाकू से होने वाले खतरों से आगाह करता "मौत का बाज़ार" बाल भवन जयपुर परिसर में सजाया गया।
सजाये गए बाज़ार में वरिष्ट रंगकर्मी श्री अशोक राही द्वारा लिखित एवं तमाशा शैली के प्रसिद्ध रंगकर्मी श्री दिलीप भट्ट द्वारा निर्देशित नाटक "धुवाँ-धुवाँ जिंदगी" का मंचन किया गया, जिसमे बाल भवन जयपुर के नन्हें कलाकारों ने अपनी अभिनय क्षमता का परिचय दिया.
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