Wednesday, August 22, 2012

Digital Photography Workshop on World Photography Day

"विश्व फोटोग्राफी दिवस"
के अवसर पर
डिजिटल फोटोग्राफी वर्कशॉप का आयोजित हुई 
"फोटोग्राफी में संजीदा सोच और एकाग्रता का समावेश आवश्यक" - महेश स्वामी 
"श्रेष्ठ क्लिक किया गया फोटो वही हे। जिसके पीछे संजीदा सोच, कलात्मक नजरिया होने के साथ ही आपके अन्दर कैमरे से दोस्ती और फोटोग्राफी की भूख, ललक होगी तभी आप एक अच्छे फोटोग्राफर बन सकते हे। फोटो लेने से पहले हमें अपने आसपास के वातावरण में उत्साह का संचार करने के साथ सुन्दरता की खुशबु का अहसास करना होगा। हर अच्छे एवं सवेदनशील फोटोग्राफर की यह एक परिपक्व निशानी मानी जाती हे।"  प्रसिद्ध फोटोग्राफर महेश स्वामी ने विश्व फोटोग्राफी के अवसर पर  बाल भवन जयपुर में आयोजित डिजिटल फोटोग्राफी वर्कशॉप में बच्चों को फोटोग्राफी के बारे में जानकारी देते हुए बताया। 

बाल भवन जयपुर द्वारा बच्चों के लिए द्वितीय डिजिटल फोटोग्राफी वर्कशॉप का आयोजन 18 अगस्त, 2012  को किया गया जिसमे बाल भवन जयपुर सदस्य संस्थाओं के 60 से अधिक बच्चों ने भाग लिया।

66th INDEPENDENCE DAY CELEBRATION

 "66 वा स्वतंत्रता दिवस" धूमधाम से मनाया गया
बाल भवन जयपुर परिसर में राष्ट्रीय पर्व "66 वा स्वतंत्रता दिवस" धूमधाम से मनाया गया, बच्चों ने राष्ट्रीय ध्वज  तिरंगे को पहराया और देश के उन अमर शहीदों को याद किया जिनकी क़ुरबानी ने हमे स्वतंत्रता दिलवाई .
बच्चों ने इस अवसर पर विभिन्न खेलों में भाग लिया, विजेताओं को पुरष्कृत किया गया।

Krishan Janmashathmi Utsav Celebration

 कृषण जन्माष्टमी उत्सव
भगवान कृषण जन्माष्टमी उत्सव बाल भवन जयपुर परिसर में 10 अगस्त, 2012 को आयोजित किया गया जिसमे बाल भवन जयपुर के साथ सम्बद्ध सारस एवं गोडावण बाल केन्द्रों के बच्चों के बच्चों के साथ मनाया गया। बच्चों ने कृष्ण से सम्बद्ध गीतों पर डांस किया और रचनातमक खेलों में भाग लिया 

Creative Writing Workshop on Munshi Premchand Birthday

मुंशी प्रेमचंद के जयंती पर बच्चे साहित्य से रूबरू हुए


प्रख्यात कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद के जन्मोत्सव पर दो दिवसीय रचनात्मक लेखन कार्यशाला का आयोजन 29 व 30 जुलाई, 2012 को बाल भवन जयपुर परिसर में किया गया। दो दिवसीय साहित्य सर्जन लेखन कार्यशाला में बच्चों ने अपनी लेखन क्षमता को प्रदर्शित करते हुए "डाट", "परिवार" और "मेरा सपना" के माध्यम से अपनी मौलिकता को दर्शाया। 

साहित्यकार डाक्टर हेतु भारद्वाज, लेखक एवं आलोचक डॉ, दुर्गा प्रसाद अग्रवाल व कवियत्री - लेखक श्रीमती सुदेश बत्रा ने बच्चों को साहित्य लेखन में किन बातों का ध्यान रखना चाहिय और आज का बाल मन व समाज के पाठक क्या पदने की इच्छा रखता हे पर जानकारी रखने की आवश्यकता हे। 

दो दिवसीय साहित्य सर्जन लेखन कार्यशाला आयोजित करने का उद्देश बच्चे क्यों साहित्य या किताबों से दूर होते जा रहे पर चर्च करने के साथ मुंशी प्रेमचंद व अन्य साहित्यकारों की वर्तमान समय में प्रासंगिक को भी रेखांकित करता हे।. 
इस अवसर पर गत वर्षों में आयोजित लेखन कार्यशाला में बच्चों द्वारा लिखी गई उल्लेखनीय कहानियों, कविताओ को समाहित सम्पादित की गई बाल पुस्तक "छोटे हाथ बड़ी बात"का लोकार्पण विशेषज्ञों द्वारा किया गया। 
कार्यशाला में बाल भवन जयपुर की सदस्य संस्थाओं महारानी गायत्री देवी बालिका स्कूल, ब्राईटलैंड्स गर्लस स्कूल, रेयान इन्टर नेशनल स्कूल मानसरोवर, बी.वि.बी,वी. विद्याश्रम मुंशी मार्ग, विद्याश्रम प्रताप नगर, कपिल ज्ञानपीठ, आर्मी पब्लिक स्कूल, सेंट जेविअर स्कूल के साथ दिशा स्कूल के विशेष बच्चों ने भी साहित्य सर्जन शिविर में भाग लिया।