Creative Writing workshop
बाल भवन जयपुर में 30 अप्रैल, 2011 को बच्चों को गुरुदेव रविन्द्र नाथ टेगोर के साहित्य से रूबरू करवाने लिए "रविन्द्र साहित्य और लेखन कला" कार्यशाला का आयोजन किया गया। बच्चों को गुरुदेव की साहित्य शैली का अवगत करवाते हुआ प्रसिद्ध लेखक और आलोचक डॉक्टर दुर्गा प्रसाद जी अग्रवाल ने कहा की गुरुदेव का साहित्य मनुष्य के मन की परतों को जिस तरह उधेड़ता है, वह आज सवा सों साल बाद भी पाठक मन की संवेदनाओं को सुकून देती हे।
बाल भवन जयपुर में गत सत्र में प्रसिद्ध लेखक मुंशी प्रेम चन्द के जन्मोंत्सव पर आयोजित सर्जनात्मक लेखन कार्यशाला की दूसरी कड़ी में बच्चो को गुरुदेव के साहित्य से अवगत करवाया गया। यह लेखन कार्यशाला प्रत्येक तीन माह में होंगी जिसमे बच्चों को हिंदी साहित्यकारों के लेखन और उसके प्रभावों के बारे में जानकारी दी जायेगी।