मुंशी प्रेमचंद के जयंती पर बच्चे साहित्य से रूबरू हुए
प्रख्यात कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद के जन्मोत्सव पर दो दिवसीय रचनात्मक लेखन कार्यशाला का आयोजन 29 व 30 जुलाई, 2012 को बाल भवन जयपुर परिसर में किया गया। दो दिवसीय साहित्य सर्जन लेखन कार्यशाला में बच्चों ने अपनी लेखन क्षमता को प्रदर्शित करते हुए "डाट", "परिवार" और "मेरा सपना" के माध्यम से अपनी मौलिकता को दर्शाया।
साहित्यकार डाक्टर हेतु भारद्वाज, लेखक एवं आलोचक डॉ, दुर्गा प्रसाद अग्रवाल व कवियत्री - लेखक श्रीमती सुदेश बत्रा ने बच्चों को साहित्य लेखन में किन बातों का ध्यान रखना चाहिय और आज का बाल मन व समाज के पाठक क्या पदने की इच्छा रखता हे पर जानकारी रखने की आवश्यकता हे।
दो दिवसीय साहित्य सर्जन लेखन कार्यशाला आयोजित करने का उद्देश बच्चे क्यों साहित्य या किताबों से दूर होते जा रहे पर चर्च करने के साथ मुंशी प्रेमचंद व अन्य साहित्यकारों की वर्तमान समय में प्रासंगिक को भी रेखांकित करता हे।.
इस अवसर पर गत वर्षों में आयोजित लेखन कार्यशाला में बच्चों द्वारा लिखी गई उल्लेखनीय कहानियों, कविताओ को समाहित सम्पादित की गई बाल पुस्तक "छोटे हाथ बड़ी बात"का लोकार्पण विशेषज्ञों द्वारा किया गया।
कार्यशाला में बाल भवन जयपुर की सदस्य संस्थाओं महारानी गायत्री देवी बालिका स्कूल, ब्राईटलैंड्स गर्लस स्कूल, रेयान इन्टर नेशनल स्कूल मानसरोवर, बी.वि.बी,वी. विद्याश्रम मुंशी मार्ग, विद्याश्रम प्रताप नगर, कपिल ज्ञानपीठ, आर्मी पब्लिक स्कूल, सेंट जेविअर स्कूल के साथ दिशा स्कूल के विशेष बच्चों ने भी साहित्य सर्जन शिविर में भाग लिया।
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